भक्ति के सागर में डुबकी लगाने वाला भजन है Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Lyrics, जो हमारे हृदय की गहराइयों को छूता है। यह गीत श्रीकृष्ण से अपनी झोली भरने की विनम्र प्रार्थना है, जहां भक्त अपने प्रभु से केवल उनका प्रेम और आशीर्वाद मांगता है। Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Lyrics में है वो करुणा, जो हमें याद दिलाती है कि भगवान के दरबार में हम सब भिखारी हैं, और वही हमारे जीवन के दाता हैं।
भरदे रे श्याम झोली भरदे भजन हिंदी लिरिक्स
Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Lyrics
भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,
ना बहला ओ, बातों में।।
नादान है अनजान हैं,
श्याम तू ही मेरा भगवान है,
तुझे चाहूं तुझे पाऊं,
मेरे दिल का यही अरमान है,
पढ़ ले रे श्याम दिल की पढ़ले,
सब लिखा है आंखों में,
भरदे रे श्याम झोली भरदे।।
दिन बीते बीती रातें,
अपनी कितनी हुई रे मुलाकातें,
तुझे जाना पहचाना,
तेरे झूठे हुए रे सारे वादे,
भूले रे श्याम तुम तो भूले,
क्या रखा है बातों में,
भर दे रे श्याम झोली भरदे।।
मेरी नैया ओ कन्हैया,
पार करदे तू बनके खिवैया,
मैं तो हारा, गम का मारा,
आजा आजा ओ बंशी के बजैया,
लेले रे श्याम अब तो लेले,
लेले, मेरा हाथ हाथों में,
भर दे रे श्याम झोली भरदे।।
मैं हूं तेरा तू है मेरा,
मैंने डाला तेरे दर पे डेरा,
मुझे आस है विश्वास है,
श्याम भर देगा दामन तु मेरा,
झूमें रे श्याम ‘नन्दू’ झूमें,
झूमें, तेरी बांहों में,
भर दे रे श्याम झोली भरदे।।
भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,
ना बहला ओ, बातों में।।
Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Bhajan Video
Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Lyrics की यह यात्रा हमें एक ऐसे मुकाम पर लाकर छोड़ देती है, जहां हम अपने खाली होने का एहसास करते हैं, लेकिन निराश नहीं होते। बल्कि, यह भजन हमारे भीतर एक नई आशा जगाता है – कि हमारी रिक्तता ही हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है, क्योंकि अब इसे भरने के लिए स्वयं श्रीकृष्ण आएंगे। यह गीत हमें सिखाता है कि जब हम अपने अहंकार को त्याग देते हैं, तभी हम उस दिव्य प्रेम के पात्र बन पाते हैं।
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