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Mere Banke Bihari Lal Lyrics – मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार भजन लिरिक्स

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार भजन लिरिक्स

भक्ति और प्रेम की गंगा में डुबकी लगाने वाला यह भजन ‘मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार’ हिंदू धर्म की परंपरा और संस्कृति से जुड़ा एक अनमोल रत्न है। इसके लिरिक्स में भगवान श्री कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और उनके मनमोहक रूप का वर्णन किया गया है।

मेरे बाँके बिहारी लाल भजन लिरिक्स

मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी, नज़र तोहे लग जाएगी
मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी सूरतिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा पीला पटका
तेरी सूरतिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा पीला पटका
तेरी टेढ़ी-मेढ़ी चाल…
तेरी टेढ़ी-मेढ़ी चाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी मुरलिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा नीला पटका
तेरी मुरलिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा नीला पटका
तेरे घूँघर वाले बाल…
तेरे घूँघर वाले बाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा काला पटका
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा काला पटका
तेरे गल में वैजंती माल…
तेरे गल में वैजंती माल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार भजन लिरिक्स का महत्व:

  1. भक्ति और प्रेम की अनुभूति: इस भजन के लिरिक्स में भगवान कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और प्रेम की भावना झलकती है। यह हमें सिखाता है कि कैसे हमें अपने भीतर की भावनाओं को समझना और उन्हें व्यक्त करना चाहिए।
  2. आध्यात्मिक आनंद: जब हम इस भजन को सुनते या गाते हैं, तो हमारे मन में एक अपूर्व आध्यात्मिक आनंद का अनुभव होता है। इसके लिरिक्स हमारे भीतर की शांति और खुशी को जगाते हैं।
  3. कृष्ण लीला का वर्णन: इस भजन के लिरिक्स में भगवान कृष्ण के मनमोहक रूप और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है। यह हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेने और उनके मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
  4. संस्कृति और परंपरा से जुड़ाव: यह भजन हिंदू धर्म की परंपरा और संस्कृति से गहरा जुड़ाव रखता है। इसके लिरिक्स में भारतीय सभ्यता और आध्यात्मिकता की झलक मिलती है।

‘मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार’ भजन के लिरिक्स में एक गहरा आध्यात्मिक संदेश निहित है। यह हमें भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम को समझने और उनकी लीलाओं से प्रेरणा लेने की सीख देता है। इस भजन के माध्यम से हम अपने भीतर की शांति और खुशी को महसूस कर सकते हैं और अपने जीवन में आध्यात्मिक आनंद को अपना सकते हैं।

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