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Sajado Ghar Ko Gulshan Sa Lyrics /  सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है भजन लिरिक्स

Sajado Ghar Ko Gulshan Sa Lyrics

हिंदू धर्म में घर को एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहां देवी-देवताओं का वास होता है। इसी भावना को दर्शाता है हमारा आज का भजन Sajado Ghar Ko Gulshan Sa Lyrics। यह भजन हमें सिखाता है कि कैसे अपने घर को स्वर्ग के समान सजाया जा सकता है। इस भजन के माध्यम से हम सीखेंगे कि कैसे अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता है और कैसे इसे एक शांत और आनंदमय स्थान बनाया जा सकता है। आइए इस भजन के गहन अर्थ को समझें और अपने जीवन में उतारें।

Sajado Ghar Ko Gulshan Sa Lyrics /  सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है भजन लिरिक्स

सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
तर्ज – जगत के रंग में क्या देखु।
पखारो इनके चरणो को, बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलको को, मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
उमड़ आई मेरी आँखे, देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को,
हुई रोशन मेरी गलियां, मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
तुम आकर फिर नहीं जाना, मेरी इस सुनी दुनिया से,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
कहूँ हर दम यही सब से, मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
यह भजन समर्पित है मेरे सरकार के भक्तों को।

Sajado Ghar Ko Gulshan Sa Lyrics Video

निष्कर्ष के रूप में कह सकते हैं कि Sajado Ghar Ko Gulshan Sa Lyrics न केवल एक भजन है, बल्कि एक जीवन दर्शन है। यह हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने घर को एक ऐसा स्थान बना सकते हैं जहां प्रेम, शांति और आध्यात्मिकता का वास हो। इस भजन के संदेश को अपनाकर, हम न केवल अपने घर को, बल्कि अपने पूरे जीवन को एक सुंदर बगीचे में बदल सकते हैं।

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