Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics / थाली भर कर ल्याई रै खीचड़ौ भजन लिरिक्स
Jaya
हिंदू धर्म में खिचड़ी का विशेष महत्व है। यह सादगी और पौष्टिकता का प्रतीक है। “Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics” एक ऐसा भजन है जो इस पवित्र भोजन की महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में खिचड़ी को मां अन्नपूर्णा का प्रसाद माना गया है। यह गीत हमें याद दिलाता है कि भगवान की कृपा से हमारी थाली हमेशा भरी रहती है। आइए इस भजन के अर्थ और महत्व को समझें और अपने जीवन में सादगी और कृतज्ञता को अपनाएं।
Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics / थाली भर कर ल्याई रै खीचड़ौ भजन लिरिक्स
भक्ति हो तो करमा जैसीसावरियो घर आवेलो,भक्ति भाव से पूर्ण होकरहर्ष- गुण गावेलो।
सांचो प्रेम प्रभु से हो तोमूरत बोले काठ की,जीमो म्हारो श्याम धणी,जिमावै बेटी जाट की,र करमा बेटी जात की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ,ऊपर घी की बाटकी…..
जीमो म्हारो श्याम धणी,जिमावै बेटी जाट की,र करमा बेटी जात की
Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Video
अंत में, “Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics” हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति में कोई भेदभाव नहीं होता। भगवान के लिए खिचड़ी और खीर एक समान हैं। यह भजन हमें याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन में सादगी और कृतज्ञता को अपनाना चाहिए। आइए हम इस भजन के संदेश को अपने दैनिक जीवन में उतारें और भगवान की कृपा का आनंद लें।