जीवन के अनंत रहस्यों में से एक है ईश्वर का दर्शन। Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics इसी रहस्य को उजागर करता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि परमात्मा किसी भी रूप में, कहीं भी, कभी भी मिल सकते हैं। वे एक भिखारी, एक बालक, या फिर एक अजनबी के रूप में भी हो सकते हैं। Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics हमारी आंखों पर लगी भौतिकता की पट्टी को हटाकर, हमें सच्ची दृष्टि प्रदान करता है।
Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics / पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा लिरिक्स
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा भजन लिरिक्स
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है
झूठे जग प्रपंच में पड़कर क्यों प्रभु को बिसराया है?
नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है
झूठे जग प्रपंच में पड़कर क्यों प्रभु को बिसराया है?
समय हाथ से निकल गया तो
समय हाथ से निकल गया तो श्री धुन-धुन पछताएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
दौलत का अभिमान है झूठा, यह तो आनी-जानी है
राजा-रंक अनेक हुए कितनों की सुनी कहानी है?
दौलत का अभिमान है झूठा, यह तो आनी-जानी है
राजा-रंक अनेक हुए कितनों की सुनी कहानी है?
राम नाम, प्रिय, महामंत्र ही
हो, राम नाम, प्रिय, महामंत्र ही साथ तुम्हारे जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
झूठ, कपट, निंदा को त्यागो, हर प्राणी से प्यार करो
घर पे आए अतिथि कोई तो यथाशक्ति सत्कार करो
हाँ, झूठ, कपट, निंदा को त्यागो, हर प्राणी से प्यार करो
घर पे आए अतिथि कोई तो यथाशक्ति सत्कार करो
पता नहीं किस रूप में आकर
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Video
अंततः, Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics हमें एक महत्वपूर्ण सबक देता है – ईश्वर को पाने के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं है। वे हमारे चारों ओर हैं, हमारे भीतर हैं। बस हमें अपनी आंखें और दिल खोलने की जरूरत है। इस भजन के साथ, हम एक नई दृष्टि पाते हैं, जो हमें हर कदम पर उनके दर्शन कराती है।
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